गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा गाये गये सभी गीतों में इस गाने की एक विशेष पहचान है। नेगी जी ने इस गाने के माध्यम से यह सजीव दृश्य सामने रखा है कि एक छोटे से गांव में अप्रत्याशित रूप से बारिश की बूंदे गिरने लगे तो सामान्य जीवन किस तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है। आमतौर पर वर्षाऋतु पर आधारित गाने श्रंगार रस, विरह वेदना या प्राकृतिक सुन्दरता को प्रदर्शित करते हैं लेकिन नेगी जी इस परिस्थिति में भी आम ग्रामीणों के दुख-दर्द को सामने रखने में बखूबी कामयाब हुए हैं और जनमानस की दृष्टि से घटनाओं को प्रस्तुत करना ही नेगी जी के गानों की विशेषता भी है। एक असमय आयी बरसात पहाड़ के किसी गांव में रहने वाले विभिन्न लोगों में किस प्रकार परिवर्तन ले आती है उसी का वर्णन इस गाने में किया गया है। गाने के बोलों में कुछ ध्वन्यात्मक शब्दों के प्रयोग से गाने की सुन्दरता में और भी निखार आ गया है।

इस गाने के संगीत पर यदि आप ध्यान दें तो आप पायेंगे कि इसमें अनेक वाद्यों का प्रयोग हुआ कुछ पारंपरिक वाद्य है लेकिन बहुत से वाद्य आधुनिक वाद्य है इस प्रकार के सटीक मिश्रण से इस गाने का संगीत बहुत ही मोहक बन पड़ा है। आप सुनिये और खुद ही महसूस कीजिये।

भावार्थ : देखो ग रा रा की भारी आवाज करते हुए बारिश होने लगी है और सट से पहाड़ों की चोटियों को कोहरे ने ढक लिया है।

गाँव के लोगों ने अपने अनाज सूखने के लिये डाले थे, अचानक आयी बारिश ने उसे भिगो दिया है, खेत में काम कर रहे काका अपना हल छोड़कर किसी पेड़ की आड़ ढूंढने के लिये भागे और जंगल में गई काकी उडियार (छोटी सी गुफा, खोह) में जा छुपी, इस बारिश ने घास काटने गई औरतों को पूरा भिगो दिया है।

बुढ्ढे जी बड़े ग्वाले जाने वाले बन रहे थे अब उनकी बुढिया चिन्ताग्रस्त होकर अन्दर-बाहर कर रही है, शाम ढलने लगी है कोई जंगल की तरफ आवाज लगा कर बुढ्ढे जी को बुलाओ, निर्दयी बाघ का भी डर है, अरे देखो तो बुढ्ढे जी छाता भी घर पर ही भूल कर गये हैं।

पानी की तेज धार गिरने लगी है, भैया सब लोग घरों के अन्दर घुस जाओ, पूरा मकान भीगने लगा है, सोये हुए दादा, तुम भी अन्दर की तरफ अपना शरीर पलटो, बारिश के कारण मौसम में ठण्डक भी बढ गयी है और दादा ठण्ड से परेशान होने लगे हैं।

किसी बुढिया ने अपने गरम कपड़े (रजाई आदि) सूखने के लिये घर की छत पर डाले थे और खुद झंगुरा (एक खाद्यान्न) कूटने चली गई, इस दुष्ट स्वर्ग ने ऐसे समय बरस कर सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया, बुढ़िया के लिये तो अब भारी परेशानी हो गई है।

भाभी की नजर सामने के पहाड़ से नीचे उतरने वाले रास्ते पर टिकी हुई है, उसके पति आज घर आने वाले थे, आंखों में काजल लगाये हुए और सिर बांधे हुए स्कूल के बच्चे भी परेशान हैं, इस असमय आने वाली बारिश ने अपने पति का इन्तजार कर रही भाभी जी को भी चिन्ता में डाल दिया है।

गीत के बोल देवनागिरी में

गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

rain-in-hills1
पहाड़ की बारिश

गौं कि सतेड़ि कोदड़ि सार, गरा रा रा ऐ बरखा डाळ
गौं कि सतेड़ि कोदड़ि सार, गरा रा रा ऐ बरखा डाळ
हौल छोड़ि भागि कका, काकि लुकि रे उड्यार
गरा रा रा घसैन्युं की छुलि रुझैगे – गरा रा रा घसैन्युं की छुलि रुझैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

बौडा बण्यु राई ग्वैर, बौडी कनि भितर भैर
बौडा बण्यु राई ग्वैर, बौडी कनि भितर भैर
रुमुक ह्वैगि कि धै लगावा, निर्भगि बागै कि डैर
अरा रा रा बौडो त छतरु डैरे रैगे – अरा रा रा बौडो त छत रुड़ैरे रैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

पणधर्यु कि लरक-तरक, दादि भितर-भितर सरक
पणधर्यु कि लरक-तरक, दादि भितर-भितर सरक
धुर्पलौ भि चून बैठी, दादा तु त हौड़ फरक
अरा रा रा दादा कु फारि जड़ु हैगे – अरा रा रा दादा कु फारि जड़ु हैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

खतड़ि धुर पलम घमैकि, बौड़ी झंगुरु फुटणु लेकि
खतड़ि धुर पलम घमैकि, बौड़ी झंगुरु फुटणु लेकि
निर्भगि सरगो कु मोरि, सरगि जखल-पखल कैगि
अरा रा रा बौड़्युकु कन फजितो ह्वैगे – अरा रा रा बौड़्युकु कन फजितो ह्वैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

बौ कि नजर धार पोर, स्वामि आणां ह्वाला घौर
बौ कि नजर धार पोर, स्वामि आणां ह्वाला घौर
सुरमा लग्युं मुण्ड बध्युं च, स्कुल्या नौन्यु कि सौर
झरा रा रा बौ गिचु कुड़ि कनु झुरैगे – झरा रा रा बौ गिचु कुड़ि कनु झुरैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

गीत : [audio:ga-ra-ra-ra-aigey-re-barkha-jhuki-aigey-narendra-singh-negi.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है हमारे टीम के सदस्य आशीष ध्यानी का इस में विशेष सहयोग रहा।

अपना उत्तराखंड में उत्तराखंड से संबंधित गीत केवल उत्तराखंड के संगीत को बढ़ावा देने के लिये हैं। यदि आपको यह पसंद आयें तो निवेदन है कि बाजार से इन्हे सीडी या कैसेट के रूप में खरीद कर उत्तराखंडी संगीत को बढ़ावा दें। हम यथा-संभव सीडी या कैसेट की जानकारी देने का प्रयास करते हैं। यदि आपको इससे संबंधित जानकारी हो तो क़ृपया टिप्पणी में बतायें।

Lyrics of the song “Gara ra ra aige re barkha jhuki aige”

garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige
saraa raa raa DaaNyoo.n me.n kan kuyedi chhaige – saraa raa raa DaaNyoo.n me.n kan kuyedi chhaige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige

gau.n ki satedi koddi saar, garaa raa raa ai barakhaa Daal
gau.n ki satedi koddi saar, garaa raa raa ai barakhaa Daal
haul chhodi bhaagi kakaa, kaaki luki re uDyaar
garaa raa raa ghasainyu.n kee chhuli rujhaige – garaa raa raa ghasainyu.n kee chhuli rujhaige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige

bauDaa baNyu raa_ee gvair, bauDee kani bhitar bhair
bauDaa baNyu raa_ee gvair, bauDee kani bhitar bhair
rumuk hvaigi ki dhai lagaavaa, nirbhagi baagai ki Dair
araa raa raa bauDo t chhataru Daire raige – araa raa raa bauDo t chhat rudaire raige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige

paNadharyu ki larak-tarak, daadi bhitar-bhitar sarak
paNadharyu ki larak-tarak, daadi bhitar-bhitar sarak
dhurpalau bhi choon baiThee, daadaa tu t haud pharak
araa raa raa daadaa ku phaari jdu haige – araa raa raa daadaa ku phaari jdu haige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige

khatdi dhur palam ghamaiki, baudee jh.nguru phuTaNu leki
khatdi dhur palam ghamaiki, baudee jh.nguru phuTaNu leki
nirbhagi sarago ku mori, saragi jakhal-pakhal kaigi
araa raa raa baud.hyuku kan phajito hvaige – araa raa raa baud.hyuku kan phajito hvaige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige

bau ki najar dhaar por, svaami aaNaa.n hvaalaa ghaur
bau ki najar dhaar por, svaami aaNaa.n hvaalaa ghaur
suramaa lagyu.n muND badhyu.n ch, skulyaa naunyu ki saur
jharaa raa raa bau gichu kudi kanu jhuraige – jharaa raa raa bau gichu kudi kanu jhuraige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige
garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige
saraa raa raa DaaNyoo.n me.n kan kuyedi chhaige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige
saraa raa raa DaaNyoo.n me.n kan kuyedi chhaige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige
saraa raa raa DaaNyoo.n me.n kan kuyedi chhaige – garaa raa raa aige re barakhaa jhuki aige

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12 Thoughts to “गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे”

  1. naveen

    हेम भाई और आशीष ध्यानी जी का धन्यवाद्

    बारिश मे नहा के सही मे मजा आ गया…

  2. बहुत खूब सुनने मे मन भीग गया

  3. Jitendra bist

    This is my best Gadwali Song.

    I like this song very much.

  4. AVTAR SINGH RAWAT

    yah gana son kar aapni pharo ki yad aati ha

    when I am young i always sing this song

    thanking your work

  5. sandeep rawat

    mujhe burans cassete k saare sons chahiye . cassete mere pass hai par mujhe ye song apne computer par chahiye .plz. helpme

  6. Raj Pithoragariya

    ye madhur geet sunane ke liye Hem ji aur Dhyani ji ko bahut-2 dhanyabaad.
    Raj pithoragariya

  7. Arun Sajwan

    Dear Pant Ji,
    Thanks for the song. I heard this song when I was in My school. This is one of my best Garhwali songs.

    ARUN SAJWAN

  8. bal krishna kala

    बहुत – बहुत धन्‍यवाद आपके लिए कि आप हमरी तरह उत्‍तराखण्‍ड की संस्‍कृति की रक्षा करने में योगदान दे रहे हैं। इसके लिए आपको मैं उत्‍तराखण्‍ड जन एकता की ओर से बधाई देता हुं।
    धन्‍यवाद

  9. […] उत्तराखण्ड में देवाधिदेव महादेव शिव की विशेष अनुकम्पा भी है और इस क्षेत्र में उनका वास और ससुराल (हरिद्वार तथा हिमालय) होने के कारण यहां के लोगों में उनके प्रति विशेष श्रद्धा और आदर का भाव रहता है। इसलिये श्रावण मास के हरेले का महत्व भी इस क्षेत्र में विशेष ही होता है। श्रावण मास के हरेले के दिन शिव-परिवार की मूर्तियां भी गढ़ी जाती हैं, जिन्हें डिकारे कहा जाता है। शुद्ध मिट्टी की आकृतियों को प्राकृतिक रंगों से शिव-परिवार की प्रतिमाओं का आकार दिया जाता है और इस दिन उनकी पूजा की जाती है। […]

  10. Mamta Negi

    Thanx Pant ji & Dhyani ji !!!!!!!!!!!

  11. puran chandra

    this song is best

  12. I like garhwali songs too much It represents Garhwali culture.

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